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कवि कुलदीप प्रकाश शर्मा "दीपक"

Abstract

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कवि कुलदीप प्रकाश शर्मा "दीपक"

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प्यारी माँ पर चार पंक्तियाँ

प्यारी माँ पर चार पंक्तियाँ

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जन्नत की सीढ़ी चढ़ने से पहले,

उस "प्यारी माँ" की गोदी चढ़ा हूँ मैं।

उनके लिए तो आज भी बेटा हूँ,

वो बात अलग है, घर में सबसे बड़ा हूँ मैं।।


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