अकेलापन
अकेलापन
कितना भयावह है किसी इंसान का तनहा हो जाना,
एक दम से अकेला हो जाना।
तड़पना छटपटाना और एक दम से खाली रह जाना,
सिहर जाना और अपने में ही सिमटते जाना,
कितना भयावह है किसी इंसान का तनहा हो जाना।
कितना भयावह है किसी इंसान का तनहा हो जाना,
कतरा कतरा घुलते रहना फिर फ़ना हो जाना।
भीड़ में होना और खुद से ही खो जाना,
कदम कदम पर खुद से ही पराये होते जाना,
कितना भयावह है किसी इंसान का तनहा हो जाना।