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प्रीति शर्मा "पूर्णिमा

Drama Romance Classics

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प्रीति शर्मा "पूर्णिमा

Drama Romance Classics

अजनबी

अजनबी

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रिश्तों में बढ़ गईं दूरियां

जब उग आएं दोनों के बीच

अहं के छोटे-छोटे पौधे।


साथ-साथ होते भी,

"अजनबी "बन रह गये हम दोनों।।

तुम्हारा शक-सुबहा करना,

हर बात पर।

ले आया खटास हमारे बीच

एक छत के नीचे ही,

अजनबी बन रह गए हम दोनों।।


खो गया कहीं आपस का प्यार,

विश्वास ढह गया जब बीच का।

मन में पड़ी दरार,

अजनबी बन रह गये हम दोनों।।


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