ऐ जिंदगी
ऐ जिंदगी
क्या कहूं कि क्या क्या दिखाया है तूने
कैसे कहूं कि बहुत रुलाया है तूने
दिल को सन्नाटे से भर कर
दुनिया में शोर मचाया है तूने
मैं तो तुझे साथ लेकर चल रही हूं पर
रास्तों में ठोकर लगाया है तूने
मैंने तो कितने नए रास्ते थे बनाएं पर
हर बार रास्तों में गिराया है तूने
मैं खुदा पर एतबार कर रही थी पर
खुद को सबसे बड़ा बताया है तूने
मुझे हाथों की कठपुतली बनाकर
अपने इशारों पर नचाया है तूने
जिंदगी अब और कितना तड़पाएगी
ना जाने कितने हद को तोड़ा है तूने
तू रूठी थी और मैं मनाने भी आयीं
पर वहाँ भी बेवजह मुंह मोड़ा है तूने
