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Vijay Kumar

Abstract Romance Others

4.5  

Vijay Kumar

Abstract Romance Others

अच्छा लगता है

अच्छा लगता है

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531


न प्यार है तुझसे न तमन्ना तेरा साथ पाने की

फिर भी तुझसे बात करना अच्छा लगता है

न ये कल्पना है न आँखों का ख्वाब है कोई

बस तुम्हारा यूं करीब रहना अच्छा लगता है,

            तुम रूठे रहो या मान जाओ कभी

           तुझे सोचना भी अब अच्छा लगता है

           तुम मीलों दूर रहो या पास रहो कभी

       बस तेरे यूं हम कदम होना अच्छा लगता है,

तुझे अपना दोस्त माने या खास माने कोई

तेरा यूं सदा साथ चलना अच्छा लगता है

तेरे चेहरे पे हो हंसी या रहे कभी ग़म कोई

बस तेरे दर्द को महसूस करना अच्छा लगता है,

      न प्यार है तुझसे न तमन्ना तेरा साथ पाने की

       फिर भी तुझसे बात करना अच्छा लगता है,

लंबी बातों का हो पल या खामोशी का दौर कोई

बस ये सिलसिला बढ़ाना अच्छा लगता है

चाहे न रहा रूठना मनाना अभी तक कोई

फिर भी तुझ में घुल जाना अच्छा लगता है,

           हमारे बीच रिश्ता रहे या ना रहे कोई

          बस तेरी यादों में जीना अच्छा लगता है

       तेरे साथ होने का जो सुकून मिला है मुझको

       अब तो तेरे रंग में रंग जाना अच्छा लगता है।



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