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Vijay Kumar

Inspirational

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Vijay Kumar

Inspirational

ऎसा नया साल मनाएं हम

ऎसा नया साल मनाएं हम

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आओ कुछ इस तरह से नया साल मनाएं हम

किसी रोते हुए को थोड़ा हँसा पाएं हम

निरस सी हो चली है जो रिश्तों की गालियां

प्यार और भरोसे से गुलजार कर पाएं हम,


 नाउम्मीद और हताशा से बिखर रही जो जिंदगी

 क्यों ना उन जिंदगी मे रोशनी ला पाएं हम

 भूख गरीबी से बिलख रही जो किलकारियाँ

 चलो उनके लिए नया साल माना पाएं हम,


खुशियों और उमंगों के लिए तरस रहे है जो

उनके हौसलों को ऊंची उड़ान दे पाएं हम

भय और लालच से गिर रही है जो इंसानियत

उनके गिरते हुए ज़मीरों को सम्भाल पाएं हम,

    

 कमजोर हो रही है जो विश्वास की डोर 

 उन विश्वासों को मजबूत कर पाएं हम 

 बेबसी लाचारी और मजबूरी को लूट रहे है लोग 

 उनके गिरते हुए कर्मों को कुछ संभाल पाएं हम, 


जिनको असहाय और बेसहारा छोड़ गए जो 

उनके सहारे की एक किरण बन पाएं हम 

आओ कुछ इस तरह से नया साल मनाएं हम

किसी रोते हुए को थोड़ा हँसा पाएं हम।



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