तुम्हारे बिना
तुम्हारे बिना
मैं अपनी अधूरी कहानी में तेरा किस्सा लिखूं
या तेरी यादों में समाया अपना हिस्सा लिखूं
अपने भावनाओं का वो अनकहे जज्बात लिखूं
या बिछड़ते हुए उन लम्हों का कोई हालात लिखूं
तुम्ही बताओ कौन सी आखिरी मुलाकात लिखूं,
तेरी सांसों से जुड़ा अपना कोई अहसास लिखूं
या तेरे लौट आने की अब कोई आस लिखूं
यादों में बहे हर अश्कों का कोई सवाल लिखूं
या तेरी नजरों में धुंधलाता अपना कोई ख्याल लिखूं
तुम्ही बताओ तुम्हारे बिना और कितने साल लिखूं,
तेरे साथ होने पर धड़कनों की वो हलचल लिखूं
या तेरे बगैर आने वाला वो कल लिखूं
दिल में उठे समुंदर का कोई तूफान लिखूं
या लोगों के जुबां पर चढ़े तेरी मेरी पुरानी पहचान लिखूं
तुम्ही बताओ अब ख्वाहिशों का कौन सा अरमान लिखूं,
दरवाजे की हर दस्तक पर तेरी कोई आहट लिखूं
या फिजाओं में समाई तेरी वो मुस्कुराहट लिखूं
मेरे हर सुख दुःख में तेरी बाहों का वो सहारा लिखूं
या तेरे बगैर ढूंढता जिंदगी का कोई किनारा लिखूं
तुम्ही बताओ तुम्हारे बिना कौन सा नजारा लिखूं।
तेरे साथ की वो हर सुरमाई शाम लिखूं
या उन वादों कसमों का अधूरा नाम लिखूं
खट्टे मीठे उन लम्हों का कोई तराना लिखूं
या हमारे मिलन का वो पता पुराना लिखूं
तुम्ही बताओ तुम्हारे बिना कैसे अपना आशियाना लिखूं।