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Vijay Kumar

Abstract Romance Others

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Vijay Kumar

Abstract Romance Others

कम होने लगी है

कम होने लगी है

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पहले मुलाकात फिर बाते कम होने लगी है

तेरे दिल में मेरे प्यार की बरसातें कम होने लगी है

तन्हाइयां भी अब दिल पर दस्तक देने लगी है

तेरे प्यार की खिलखिलाहट जो कम होने लगी है,


तेरे दिल में मेरी यादें भी अब धुंधली पड़ने लगी है

किसी और की हंसी जो तेरे होंठों पे खिलने लगी है         

वो वादे वो कसमें भी अब टूटने लगी है    

शायद तेरी धड़कनों में कोई और धड़कने लगी है,


अब मेरी बातों से तेरी हंसी भी फीकी पड़ने लगी है

तेरी मुस्कराहट जो किसी और पर बरसने लगी है

तेरी रुसवाई तेरी बेवफाई भी अब झलकने लगी है

तेरे हाथों में जो किसी और के हाथ सजने लगी है,


तेरी महफिल तेरी जिक्र में मेरा नाम कम होने लगी है

किसी और की अहमियत जो तेरी जुबां पर बढ़ने लगी है

तेरी बेफिक्री तेरी बेपरवाहियां भी अश्कों से बहने लगी है

शायद किसी और की नजदीकियां तुझे रास आने लगी है,


तेरी वो बेचैनी तेरी वो खुशी भी अब बदलने लगी है

तेरी आँखों में जो किसी और के सपने सजने लगी है

वो लंबी बाते वो इंतजार की घड़ियां भी घटने लगी है

तेरे दिल में मेरी चाहत भी अब बदलने लगी है,


पहले मुलाकात फिर बाते काम होने लगी है

तेरे दिल में मेरे प्यार की बरसातें कम होने लगी है       

तन्हाइयां भी अब दिल पर दस्तक देने लगी है

तेरे प्यार की खिलखिलाहट जो कम होने लगी है।



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