पता नही,यादों की यादें क्यों याद आती हैं? पता नही,यादों की यादें क्यों याद आती हैं?
काश! हम जान पाते कि हमारे दरमियां दूरियाँ क्यों और किस लिए आई? काश! हम जान पाते कि हमारे दरमियां दूरियाँ क्यों और किस लिए आई?
शांत रहकर भी बहुत कुछ बोलते हैं शब्द। शांत रहकर भी बहुत कुछ बोलते हैं शब्द।
अगर किसी से दूर रहो तो नजदीक आने की चाहत बढ जाती है... मतलब दूरियां नजदीकियां बढाती है और यहीं जिंदग... अगर किसी से दूर रहो तो नजदीक आने की चाहत बढ जाती है... मतलब दूरियां नजदीकियां बढ...
दिलों के दरमियाँ नज़दीकियां मुश्किल से बना करती है मगर दूरी कोशिश के बिना बढ़ती है उसको ज़रूर पाटना ... दिलों के दरमियाँ नज़दीकियां मुश्किल से बना करती है मगर दूरी कोशिश के बिना बढ़ती ...
अब मेरी बातों से तेरी हंसी भी फीकी पड़ने लगी है अब मेरी बातों से तेरी हंसी भी फीकी पड़ने लगी है