आती याद है
आती याद है
🌹ग़ज़ल
आती ही उसी की याद बस ख़ूब रही है
आंखों में यहां तो इसलिए ख़ूब नमी है
दिल मेरा यहां इसलिए लगता नहीं मगर
दिल में ही भरी रोज़ उसकी ख़ूब कमी है
की बात नहीं बोल सका यार उसे कुछ
उस एक हंसी से ही आंखें ख़ूब लड़ी है
की प्यार भरा तोड़ दिया आज उसनें दिल
आंसू से उसी ने ही आंखें ख़ूब भरी है
वो ग़ैर गया कर मुझे ही आज यहां तो
ए यार मुहब्बत जिसकी ही ख़ूब करी है
आया न नज़र यार कही भी न मुझे वो
ढूंढ़ा है उसे रोज़ मगर ख़ूब गली है
उसको ही ख़ुदा भेज हक़ीक़त में आज़म की
मेरे आ रही जो ख़्वाब में ख़ूब परी है।
आज़म नैय्यर