तेरी क्षमा अब कैसे स्वीकरुं, आत्मसम्मान को कैसे धिक्कारूं मस्तिष्क और मन को कैसे समझा तेरी क्षमा अब कैसे स्वीकरुं, आत्मसम्मान को कैसे धिक्कारूं मस्तिष्क और मन क...
उसको ही ख़ुदा भेज हक़ीक़त में आज़म की मेरे आ रही जो ख़्वाब में ख़ूब परी है। उसको ही ख़ुदा भेज हक़ीक़त में आज़म की मेरे आ रही जो ख़्वाब में ख़ूब परी है।