आँसू से प्रेम
आँसू से प्रेम
तुम मेरे जीवनसाथी हो
मेरे सुख-दु:ख में भागीदार
हर संकट के हो साझीदार
तपते हृदय पर शीतल धार
हलका करते हो मन का भार
मेरी निर्बलता को धोकर
तुम मुझको सबल बनाते हो
तुम मेरे जीवन....
मन के कोने में छिपे हुए
मेरे नैनों में बसे हुए
जब बजते मन-वीणा के तार
तब ही तुम लेते हो आकार
हर कर मेरे मन का सब दुःख
बन कर धारा बह जाते हो
तुम मेरे जीवन....
जग से तुम को अपमान मिला
मुझे तुमसे जीवन-ज्ञान मिला
तुमसे मिला मुझे प्रेम अपार
मेरी नइया के तुम पतवार
जब फँस जाती हूँ लहरों में
तुम नदिया पार कराते हो
तुम मेरे जीवन......