आंचल का स्पर्श
आंचल का स्पर्श
माँ बच्चों को एक जिम्मेदार नागरिक बनाती है,
सपनों की उड़ान को सच कर जीना सिखाती है,
जीवन का श्रृंगार कर पीयूष रस छलकाती है,
आँचल का दे स्पर्श प्यार ही प्यार बरसाती है!
अनगिनत बूंदें प्यार भरी वो हर पल बरसाती है,
अपनी भावनाएँ और ममत्व हम पर जब लुटाती है,
काम कर जब भी थककर चूर कभी मैं हो जाता हूँ
प्यार भरी अपनी गोद की शैय्या मेरे लिए बनाती है,
आँचल का दे स्पर्श प्यार ही प्यार बरसाती है!
देरी हो जाए कभी आने में जल्दी घबरा जाती है,
आंखें बिछाए दरवाजे पर खड़ी मेरी राह निहारती है
मुख से कुछ न कहती दिल उसका व्याकुल होता है
देखकर मुझे झट से गले से मेरे लिपट वो जाती है,
आँचल का दे स्पर्श प्यार ही प्यार बरसाती है!
प्यार भरा आंचल ओढ़कर मेरे मन आंगन में आई है,
भोर होते ही सबसे पहले अर्ध्य चढ़ाती तुलसी पर ,
पूजा अर्चना कर माँ घर आंगन पावन करती है ,
सबका रखती ध्यान हर काज समय पर वो करती है ,
आँचल का दे स्पर्श प्यार ही प्यार बरसाती है!
