Become a PUBLISHED AUTHOR at just 1999/- INR!! Limited Period Offer
Become a PUBLISHED AUTHOR at just 1999/- INR!! Limited Period Offer

Dhan Pati Singh Kushwaha

Abstract Classics Thriller

4.7  

Dhan Pati Singh Kushwaha

Abstract Classics Thriller

गौरव के हैरी पाॅटर और कृष

गौरव के हैरी पाॅटर और कृष

5 mins
412


"कितनी खूबसूरती के साथ अपनी कक्षा को तुम सब ने सजाया है ? "-कक्षा में प्रवेश करते हुए गौरव सर न पूरी कक्षा की प्रशंसा करते हुए कहा।

नम्रता ने बड़ी नम्रता से गौरव सर से कहा-"सर, कक्षा के सभी विद्यार्थियों ने इसमें अपना अपना योगदान दिया है लेकिन इस सजी हुई क्लास की खूबसूरती का विशेष तौर पर श्रेय सुखदेव और हर्ष भैया को जाता है जिन्हें आप क्रमश: हैरी पॉटर और कृष कहते हैं।

"यह दोनों जी जान से परिश्रम करते हुए विभिन्न क्षेत्रों जैसे शैक्षिक, सांस्कृतिक, खेलकूद आदि में ,जो परिणाम देते हैं उसको देखकर यही लगता है की कोई दिव्य शक्ति इनकी सहायता करती है।"-गौरव सर ने हर्ष और सुखदेव की प्रशंसा करते हुए कहा।

हर्ष और सुखदेव ने दोनों हाथ जोड़कर सिर नवाते हुए बड़ी विनम्रता के साथ गौरव सर से कहा-" यह सब परमपिता परमात्मा की अनुकंपा, आप सभी शिक्षक शिक्षिकाओं के आशीर्वाद और हमारे साथियों के सहयोग का ही परिणाम है। आप बड़ों की प्रेरणा हमें विविध चुनौती भरे कार्यों को करने के लिए सतत् प्रोत्साहित करती रहती है। आप गुरुजनों का मार्गदर्शन हमारे रास्ते को सदैव आलोकित करता रहता है जिससे हम सही दिशा में आगे बढ़ पाते हैं। प्रभु की कृपा दृष्टि होती है कि काम करते समय हमारा आत्मविश्वास बढ़ता रहता है। हमारे साथियों का सहयोग हमारे मन में आशा का संचार करता रहता है और हम कार्य को पूरा करने के प्रति आश्वस्त और उत्साही बने रहते हैं।"

"तुम दोनों की विनम्रता और धैर्यशीलता दोनों ही ऐसे सद्गुण हैं जो तुम्हें दूसरों से अलग करते हैं विद्यालय में बहुत से ऐसे बच्चे भी हैं जो तुम्हारी तरह परिश्रमी और साहसी हैं लेकिन यह सद्गुण तुम्हें उन परिश्रमी और साहसी बच्चों से अलग करते हैं तभी तो तुम इस कक्षा के ही नहीं पूरे विद्यालय के गौरव हो।"-गौरव सर ने आगे बढ़कर दोनों बच्चों की पीठ थपथपाकर उन्हें शाबाशी देते हुए कहा।

कक्षा की उत्कृष्ट चित्रकला का सैद्धांतिक और व्यावहारिक ज्ञान रखने वाली छात्रा आकांक्षा ने सबको और विशेषतौर पर गौरव सर को बताया-"यह दोनों भैया हर काम को बड़ी ही तल्लीनता के साथ सीखते हैं।यही कारण है यह उसे न सिर्फ जल्दी सीख लेते हैं बल्कि बेहतर ढंग से सीख लेते हैं। इन दोनों का चित्रकला का कार्य कई बार मेरी अपेक्षा से भी बेहतर होता है। इन दोनों ने चित्रकला सीखकर हमारी कक्षा के दूसरे बच्चों को भी प्रोत्साहित किया है और वर्तमान समय में हमारी कक्षा के लगभग सभी बच्चों की चित्रकला बहुत ही उत्कृष्ट कोटि की हो गई है। आपको तो पता ही है हमारी कक्षा में हम लोग चित्रकला विषय न पढ़कर संगीत पढ़ते हैं। य दोनों भैया लोग संगीत के ज्ञान में भी बहुत आगे हैं। आप तो देखते ही हैं कि हमारे विद्यालय की प्रार्थना सभा में हर्ष भैया तबला और सुखदेव भैया हारमोनियम बजाते हैं।यह दोनों भैया बहुत अच्छा गाते भी हैं। मैं तो इस समय इनके साथ हारमोनियम बजाने और गाने का अभ्यास कर रही हूं। खेलकूद प्रतियोगिता में भी यह दोनों अपना कमाल दिखाते रहते हैं। एक ही व्यक्ति में इतनी सारी निपुणताएं एक साथ एक व्यक्ति में विरले ही देखने को मिलती हैं। आप इन्हें हैरी पॉटर और कृष कहते हैं तो इसमें कोई भी अतिशयोक्ति नहीं है। पढ़ाई- लिखाई के मामले में भी लगभग हर विषय पर इनकी अच्छी पकड़ है। हमारी इस कक्षा की सजावट में सजावट के लिए जो भी सामग्री हम लोगों ने मिलकर तैयार की है। उस सामग्री को तैयार करने और उसको कक्षा में किस जगह पर लगाया जाए यह सारी योजनाएं इन दोनों के मस्तिष्क की उपज हैं। कक्षा की सजावट के लिए कौन सा आइटम कौन सा बच्चा बेहतर तरीके से तैयार कर सकेगा। इसका आईडिया बच्चों को चित्रकला सिखाते समय इन्हें हो गया उसी के आधार पर इन्होंने सजावट सामग्री उन्हें विशेष बच्चों से तैयार करवाई। सजावट के लिए कौन सी सामग्री का प्रयोग कहां पर होगा। इसका सही और सटीक अनुमान इन्हीं लोगों का था। ये दोनों जिस तरीके से काम कर रहे हैं उससे इस बात का आसानी सेअनुमान लगाया जा सकता है कि यह किसी फिल्म के एक सफल निर्माता और निर्देशक सिद्ध होने चाहिए।"

"ईश्वर करे ऐसा ही हो। इन दोनों के पास जो इनकी जो आंतरिक शक्ति है जो इन्हें सही फैसले लेने के लिए इनके अंतर्मन को प्रेरित करती है और यह अंत:प्रेरणा इनके परिचित लोगों में के इनके प्रति सफलता और स्नेह के भावों का परिणाम है। सच्चे मन से की गई शुभकामनाएं सदैव ही सकारात्मक फल देती हैं। इन शुभकामनाओं के साथ-साथ इनका धैर्य पूर्वक और दृढ़ संकल्प के साथ अनुशासित ढंग से परिश्रम करने का मन में अटूट विश्वास और भी अधिक शक्ति प्रदान कर उसे एक उत्कृष्ट स्थिति में बनाए रखता है और इनके अपने क्षेत्र में आगे बढ़ने हेतु प्रोत्साहित करता रहता है।"-गौरव सर ने अपने स्नेह और आशीर्वाद को उन पर बरसाते हुए कहा।

रुचि ने भी इस वार्तालाप में अपनी रुचि दिखाते हुए कहा-"इनका सभी के प्रति मधुर स्वभाव और इनके शरीर या मन के किसी क्रियाकलाप से आलस्य कोसों दूर रहता है यह साथियों की मदद करने और आवश्यकता पड़ने पर साथियों की मदद लेने में कोई संकोच नहीं करते। यह इन लोगों का ही प्रभाव है कि हमारी कक्षा में हम सब लोग आलस्य को विदाई देने जा रहे हैं। क्रियाशीलता जीवन का एक अपरिहार्य अंग है इसलिए हम अपने शारीरिक स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए सतत क्रियाशील रहते हैं ।जिससे हमारी कार्यक्षमता तो बढ़ती ही है जो देश को आर्थिक रूप से मजबूती प्रदान करेगा। इसके साथ ही साथ हमारी दिनचर्या भी नियमित हो रही है जो हम सबके शारीरिक मानसिक और बौद्धिक विकास में बड़ा ही सहायक सिद्ध होगा।"

"तुम सब लोग हमारे विद्यालय के दूसरे बच्चों के लिए एक आदर्श उदाहरण के रूप में सबको सतत प्रेरित करते रहो ऐसी तुम सब से अपेक्षा है । ईश्वर से यह प्रार्थना है कि वह तुम सबको एक आदर्श नागरिक बनने के लिए अपना वरदहस्त सदैव तुम पर बनाए रखें।" पीरियड बदलने के लिए बजने वाली घंटी की आवाज सुनकर सभी को हाथ के इशारे से आशीर्वाद देते हुए दूसरी कक्षा में जाने के लिए तेजी से कक्षा के बाहर चले गए।


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Abstract