महाराजा प्रणाम - कडप्पा अपने दल के साथ महल मे सिघृ ही लोट चुके है । माराजा - जाओ उसे सिघृ ही मेरे पास लेकर आओ कडप्पा र...
सुदामा का नाम सुनते ही भगवान व्याकुल से हो उठे !
क्या इसमें ग़लती उसकी नहीं थी जो उसने अपने बेटे को रावण बनने दिया।
उनके पास मेरे साथ खेलने के समय होना चाहिये
हर दिन के बढ़ते हुए कामों को कुछ कम कर जाए लेकिन हकीकत में जिंदगी में जादू नहीं होते।
अनिरुद्ध मेरे चरण स्पर्श करके मुखर्जी सर के पास रिहर्सल में भाग लेने के लिए चला गया।