हम मिल जायेंगे.
हम मिल जायेंगे.
यह दिन, यह महीने, यह साल।
और जुदाई का यह आलम।
कब तक लेगी हमारे प्यार का इम्तिहान?
आखिर इसे एक दिन हारना ही है।
और थकना ही है हमारे हौसले के सामने।
जुदाई के ये पल,
बस मेहमान है कुछ पलों के।
फिर इन्हे लौट जाना है।
मुझे है विश्वास,
मेरी और तुम्हारी चाहत पर।
हम जीतेंगे इन तन्हाइयों से।
हम जीतेंगे, इस जुदाई से।
और एक होकर रहेंगे।
तुम्हारे और मेरे बीच का
ये मीलों का फासला।
खत्म होगा चुटकियों में।
और हम मिल जायेंगे।
हमेशा हमेशा के लिये।