अभिनंदन
अभिनंदन
है मुमकिन
जो आसान नहीं,
रास्ते हैं कठिन
फिर भी परवाह नही..
ख़बर सुनी..
एक छोटे से जहाज़ ने,
तोप सा विमान उड़ा दिया,
हँसते खेलते ये बोल,
लोगों ने इसका मज़ाक़ बना दिया,
रूस ने आज अमेरिका को हरा दिया...
फिर आयी एक ख़बर ने,
हम सब को था डरा दिया,
विमान गिरा धरती पर,
आसमान से पैराशूट थाम,
फ़ौलादी अपना सिपाही
शत्रु धरती पर जा गिरा…
विडिओ वाइरल हुई,
उस सिपाही को धकेला,
मारा, नोचा, खदेड़ा,
वो डटा था,
वो हारा ना था,
घबराया ना था …
दुश्मन पूछते गए
वो सुनता गया
जो उसे कहना था
उसने कहा
फिर दो टूक जवाब दे
“नहीं बता सकता तुम्हें”
बोला वो सिपाही
पहाड़ सा दुश्मन समक्ष
खड़ा रहा …..
आँखें चोटिल, नाक चोटिल,
ख़ून की लकीरें बह रही थी,
उसके चेहरे पर सिमटी,
एक हल्की सी मुस्कान,
हज़ार कहानियाँ कह रही थी।
ख़बरों के मायाजाल में सिमट,
हर घर आँसुओं में लिपटा था,
आज घर में कलर चैनल नहीं,
भारत ही दिख रहा था…
मोदी जी की एक गूँज से,
ख़ुशी की लहर चल पड़ी थी,
थर-थर काँपा दुश्मन,
दुश्मन की साँसे थम गयी थी…
इसमें भी हिंदुस्तानी ने,
हस्ती मस्ती डाल दी,
बोला मनमोहन चुप थे,
सिपाही चुप थे,
अब चाय वाला आया है,
दुश्मन की दहलीज़ में,
आराम फ़रमा सिपाही,
चाय पीकर आया है ….
अभिनंदन अभिनंदन तुम्हें,
तुम जीत हो,
तुम गर्व हो,
दुश्मन भी डर भाग जिससे
तुम दुश्मन को
दुश्मन की धरती पर
भस्म कर देने वाली आग हो …
सलाम तुझे सलाम तेरे काम को,
सलाम तेरे फ़ितूर को,
सलाम तेरे जुनून को…
बेटा बोला…..
माँ फ़ाइटर प्लेन चलाऊँगा,
सोनिया सोच में पड़ी,
बोला करती थी….
“ना बेटा ! मुझसे ना हो पाएगा”
आज तुम्हारे हौसले,
तुम्हारे जज़्बात,
मेरे मुख से कहलवा गए ..
“बेटा ! जा तुझे दी इजाज़त”
बनना तो भारत माता के नंदन सा,
इस भारत के सपूत,
अभिनंदन सा,
भारत के सपूत अभिनंदन सा..।