हालात
हालात
निर्माण करो मिट्टी का निर्माण करो रोटी का
ठिठुर रहा है गरीब ठण्ड में निर्माण करो तुम कपड़ों का
पहन रहा कोई लाखों का सूट और पैरों में हैं विदेशी बूट
मजदूर चला है नंगे पाँव नहीं मिला कोई वाहन गाडी
घूम रहा कोई उड़न खटोले आया ऐसा सत्ताधारी
बढ़ रही है बेरोजगारी
खाली हाथ है पढ़ा लिखा और रोजगार है चाय पकोड़ा
जय जवान और जय किसान इन दोनों को लड़वाया है
देखो इस सत्ताधारी ने अन्नदाता को पिटवाया है
खुद बैठे हैं कम्बल ओढ़े किसान के ऊपर पानी डाले
मेरे देश को ही ये बेच रहे हैं
और अपनी जेब को ठूस रहे हैं।