क्या है आजादी का मतलब
क्या है आजादी का मतलब
क्या है आजादी का मतलब पूछती आज धरा यह मौन है,
अपने शोणित में डूबी आज मानवता ही मौन है।
यह किन हाथों की करतूतें यह किन पापियों का भार है,
सह रही धरा क्रूरता दोहन का व्यापार है।
परिवर्तन के दूत जवान जब मौन रहते हैं,
चाटुकार तब आगे बढ़कर विकास निगलते जाते हैं।
क्या है आजादी का मतलब पूछती केसर क्यारी है,
सपनों को साकार करने की आई जवानों बारी है।
बदल गया है राज, राजदंड नहीं बदला है,
कुर्सी ,टाई, वर्दी का आतंक बड़ा ही गहरा है।
ऐसा क्रूर यथार्थ सामने जो सपने में ना सोचा है,
कैलाश शिखर से गंगा तक तपोस्थली व्यापार बन रहा है।
शासन, अशिक्षा, थैलीशाही गला प्रगति का काट रहे हैं,
भारत मां के लाल स्वयं माता का आंचल बांट रहे हैं।
हाथों में अव्यवस्था की जंजीरे पैरों में लालच की बेड़ी है,
पूंछे भी तो किससे पूछें आज क्रांति तो बहरी है।
निजी हित से साझेदारों जब स्वयं को मुक्ति दे पाओगे,
आजादी को हृदय धारकर तब गौरव अनुभव कर पाओगे।
क्या है आजादी का मतलब पूछती आज धरा यह मौन है,
अपने शोणित में डूबी आज मानवता ही मौन है।