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Sangeeta Aggarwal

Tragedy

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Sangeeta Aggarwal

Tragedy

शर्म करो

शर्म करो

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कौन हैं इस देश के गद्दार

कौन हैं जिन्हें नहीं देश से प्यार

मौत पर जो ठहाके लगाते हैं

आपदा में अवसर जो निकालते हैं


देश घिरा मुश्किल हालात में

ये सिर्फ जलती लाशों पर 

रोटियां सेकना जानते है

शर्म करो कुछ मौत के दलालों


खुद पर कुछ प्रश्न उठा लो

मौत किसी की कहां सगी होती है

ये जब आती चुपके से आती है

चार पैसे के लिए आज

तुम मानवता अपनी खोते हो


सोचो ऐ नादानो तुम 

ऐसे कितने पाप ढोते हो

मेहनत की कमाई से लोग

बचा नहीं पा रहे अपनों को


तुम इस पाप की कमाई पर 

ऐसे क्यों इतराते हो

मानवता की सेवा भले ना करो

पर लाशों से पैसे कमाना बन्द करो

वरना एक दिन तुम पछताओगे

पाप की कमाई से कैसे

अपने अपनों के लिए  

कैसे खुशियां तुम ला पाओगे।


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