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Anita Sharma

Tragedy Inspirational

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Anita Sharma

Tragedy Inspirational

धन सेतू धनवान नहीं

धन सेतू धनवान नहीं

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पैसा-पैसा...करते-करते

कितनी दौड़ लगाएगा,

सत्कर्मों के बल पर ही

जीवन में सुख तू पायेगा।


माना अपनी भारी जेब है तो

सारी दुनिया संगी साथी है,

लेकिन पैसा भी तो छल है

पल में राह बदल जाती है।


सोच बढ़ा...चिंतन कर ले

क्या ये पैसा इतना ज़रूरी है,

बेसिर पैर की ख्वाहिशों पर

ज़रा लगाम जाना ज़रूरी है।


चिंतन करलो कि संग अपने

धन कौन ही ले जा पाया है,

सब रह जाता है...यहीं पर 

क्यूंकि सब है मोह माया है।


गर मन से तू धनवान नहीं

धन से बलवान कहाँ होगा,

कितना भी करले धनार्जन

जीवनपर्यंत तू रहे निर्धन।


ना अँधा होकर दौड़ लगा

तू गर्त में जाता जाएगा,

ज़िन्दगी के ध्येय समझ ले

वरना औंधे मुँह गिर जाएगा।


तू ज्ञान को अपना सखा बना

ये ज्ञान ही पथ प्रदर्शक है,

व्यर्थ ही खुद को ना भटका

इस धन का मोह निरर्थक है।


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