दौड़ा दौड़ा भागा भागा सा
दौड़ा दौड़ा भागा भागा सा
दौड़ा दौड़ा भागा भागा सा,
वक़्त के पीछे मारा मारा सा।
इधर उधर देखे तू जिधर
पैसा उड़ता उड़ता सा।
दौड़ा दौड़ा भागा भागा सा,
वक़्त के पीछे मारा मारा सा।
देता समय नहीं परिवार को,
न देखा बचपन नहीं उस लाड़ को,
खो के खुशियाँ रहा थका थका सा।
दौड़ा दौड़ा भागा भागा सा,
वक़्त के पीछे मारा मारा सा।
समझ पूंजी तेरी घर बार ही है
प्रेम, समर्पण, संवाद भी है
लगा के फोन बन बैठा मूर्ति सा।
दौड़ा दौड़ा भागा भागा सा,
वक़्त के पीछे मारा मारा सा।
पल भर की फुर्सत न आज तुझे,
कल इस वक़्त के लिए पछताएगा।
नासमझ, न कर नादानी अनभिज्ञ सा
दौड़ा दौड़ा भागा भागा सा,
वक़्त के पीछे मारा मारा सा।