मिलन जुदाई
मिलन जुदाई
एक पहली मुलाकात,
मिलन और साथ साथ,
चलने की आरजू लिये,
दो दिलों का मिलनसार,
जीवन की अभिलाषा,
प्रेम की ज्योति जले,
कुछ ऐसा हो हिसाब,
जिंदगी की शुरुआत,
जब मिले तो कारवां से,
मोहब्बत की हुई शुरुआत,
सपने सजाये गये बेहिसाब,
विश्वास की लहरों में बहे,
यकीन ऐसा सात जन्म तक,
मिलते रहेंगे बिछड़ेंगे नहीं,
जिंदगी की किसी हद तक,
एक रोज की दास्तां बने,
गिले शिकवे और हंसे,
एक पखवाड़े तक सीमित,
जिंदगी की खुशियां और दर्द,
दो दो हाथ प्यार में बने संगीत,
आवाज प्यार की और दर्द हंसी का,
उम्र के दोराहे तक चलता रहा,
जबतक साथी रहे जिंदगी मुस्काई,
जब बिछड़े तो दर्द की बजी शहनाई,
कुछ वो कहती कुछ हम सुनते,
एक दर्द नशा एक हंसी का होता,
जैसे जैसे प्यार हुआ गहरा,
उम्र ढलती रही बनके सहरा,
आज अलग अलग दास्तां बनी,
कभी जिनके साथ जिंदगी कटी,
उम्र के रास्ते चले हम तन्हा ही,
जब साथ थे मोहब्बत फना थी।

