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Devesh Dixit

Romance

3  

Devesh Dixit

Romance

उमंग

उमंग

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लिपट कर तुमसे जो उमंग चढ़ती है

मेरे जीने की ख्वाहिश और बढ़ती है


यूं ही लिपट जाया कर सीने से मेरे

तुम पर से मेरी नजर नहीं हटती है


तुम जो भी हो जैसी भी हो मेरी हो

तुम्हारे बिना न कभी सांसें चलती हैं


मुस्करा कर कभी जो देखो मेरी तरफ

कसम से अधरों पर ही नजर रुकती है


जिंदगी की आस तुम ही से है मेरी

उसी आस पर ही उम्मीद अटकी है


लिपट कर तुमसे जो उमंग चढ़ती है

मेरे जीने की ख्वाहिश और बढ़ती है



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