क्या जान निसार हो
क्या जान निसार हो
क्यों मुझसे पूछते हो हाल मेरा
मेरे हाल से क्या अनजान हैं आप
देखते रहते हो क्या चेहरा मेरा
उस पे उदासी का कारण हैं आप
अगर चाहते हो प्यार से चूमना इसे
फ़िर दिल में ख़लिश ले के क्यों आएं हों आप
मजाल हैं क्या कोई उंगली तक करे
क्यों छुप रहे हो ज़माने से डर के आप
महबूब हों आप हमारे जान निसार हों
कोई वक्त नहीं के यूं गुज़र जाओ आप।

