तेरी इनायत
तेरी इनायत
तेरी वो बोलती नज़र
मेरी तनहाई को मिटाती है
तेरी वो दिलकश मुस्कान
मेरे दर्द को भुलाती है
तेरे वो चिमटते ख़्वाब
मेरी नींद को सहलाते है
तेरे वो यक़ीनी लफ्ज
मेरे चैन को संवारते हैं
तेरी वो ख़ुशनुमा याद
मेरे समय को सजाती है
तेरी वो बहारदार झलक
मेरे दिन को महकाती है
तेरा वो इत्मीनानी अहसास
मुझे चलने की राह दिखाता है
तेरा वो रूमानी एहसान
मेरे जीने को जान दिलाता है
ओ मेरे प्यार
तू मुझमें पूरी तरह समाया है
ओ मेरे यार
तुझसे ना कभी अब जुदा होना है।

