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Chandan Kumar

Romance

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Chandan Kumar

Romance

बीते हुए पल

बीते हुए पल

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याद आते हैं, 

कुछ अनमोल, 

लम्हें ज़िन्दगी के,

कुछ खूबसूरत 

बीते हुए पल !

पलकों में, 

मधुर मिलन के सपने भरे, 

दो स्नेहिल हृदय दल ... 

थोड़ा धीर धरे, 

थोड़ा विकल... !

चटक चाँदनी की जलती

ठण्डी ठण्डी दीप्त अनल, 

नीले झील किनारे, 

तिरते श्वेत हंस, 

आलिंगनरत उनके 

चंचल चोंच युगल... 


और, 

याद आती है, 

तुम्हारे होंठों की नर्माहट, 

कि जैसे, 

बर्फ पड़ती सर्दियों में

आग उतरी हो, 

मिष्ट चाय की गर्माहट !!


मैं हैरान हूँ

ये तुम्हारी थी मुस्कुराहट,

रेशम सी गुलाबी !

या

मैंने सुन लिया था, 

कोमल कमल की 

खिलती कलियों के 

चटकने की 

सौम्य सुगंधित आहट ... !


साथ बैठे हुए 

बस यूँ ही, 

तुमने फेंक दिया था, 

उठाकर 

हाथ से कंकड़

पानी में ...

होने लगी 

प्रतिबिम्बित 

मेरे मुख पर तरंगित

झील की चमचमाहट ...!

कि जैसे स्वप्न से 

तुमने मुझे जाग दिया,

मेरे मन के मौन में, 

कस्तूरी चुभा दिया ! 

जैसे दूर कहीं वन में, 

महक उठता है 

'चन्दन' का अंतस्तल,

याद आ गये वही 

खूबसूरत बीते हुए पल... !! 



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