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Dheeraj Sarda

Romance

4  

Dheeraj Sarda

Romance

तू मेरी है

तू मेरी है

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इस बादल की हर बूंद तेरी है, सांसों की हर डोर तेरी ।

ये कतरा-कतरा तेरा है, पर तू मेरी है, तू मेरी ।।


तेरे ये बातों का समंदर, मुझको बहा कर ले गया ।

ये चांद लगने लगा फिका, तु मेरा चांद हो गया ।।

अरे तुझमें इतनी खूबियां, तू हूर है या तू परी ।

ये कतरा-कतरा तेरा है, पर तू मेरी है, तू मेरी ।।1।।


मैं तुझसे रूबरू हुआ, जैसे किसी ख्वाब सा ।

उन ख्वाबों का नशा चढ़ा, मुझ पर किसी शबाब सा ।।

ये खुली आंखों के ख़्वाब तेरे, और ख्वाबों की सौगात तेरी ।

ये कतरा-कतरा तेरा हैं, पर तू मेरी है, तू मेरी ।।2।।


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લોગિન

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