तू मेरी है
तू मेरी है
इस बादल की हर बूंद तेरी है, सांसों की हर डोर तेरी ।
ये कतरा-कतरा तेरा है, पर तू मेरी है, तू मेरी ।।
तेरे ये बातों का समंदर, मुझको बहा कर ले गया ।
ये चांद लगने लगा फिका, तु मेरा चांद हो गया ।।
अरे तुझमें इतनी खूबियां, तू हूर है या तू परी ।
ये कतरा-कतरा तेरा है, पर तू मेरी है, तू मेरी ।।1।।
मैं तुझसे रूबरू हुआ, जैसे किसी ख्वाब सा ।
उन ख्वाबों का नशा चढ़ा, मुझ पर किसी शबाब सा ।।
ये खुली आंखों के ख़्वाब तेरे, और ख्वाबों की सौगात तेरी ।
ये कतरा-कतरा तेरा हैं, पर तू मेरी है, तू मेरी ।।2।।

