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होंठ है यह गुलाब सा, इनसे पंखुड़ियों को जरा बिखरने दो जाना होंठ है यह गुलाब सा, इनसे पंखुड़ियों को जरा बिखरने दो जाना
जब नींद नहीं हो भूखे पेट, तो सपना मेरा, ये रोटी है । जब नींद नहीं हो भूखे पेट, तो सपना मेरा, ये रोटी है ।
उन ख्वाबों का नशा चढ़ा, मुझ पर किसी शबाब सा। उन ख्वाबों का नशा चढ़ा, मुझ पर किसी शबाब सा।
तब वो हमारा साहिल था, आज हम वो समंदर ही छोड़ आये। तब वो हमारा साहिल था, आज हम वो समंदर ही छोड़ आये।
जो पल हम दोनो जी चुके, वो तो बहती जिंदगी थी। ये जो दोनों में बाकी रह गया है, वो दरिया-ए-इश्क़ है। जो पल हम दोनो जी चुके, वो तो बहती जिंदगी थी। ये जो दोनों में बाकी रह गया है, वो...
खुली आँखे, टूटे सपने, कुछ बहाने, कुछ डर भी है | ये बात दुनियाँ की नहीं, ये बात बिखरते खुली आँखे, टूटे सपने, कुछ बहाने, कुछ डर भी है | ये बात दुनियाँ की नहीं, ये बा...
ये अर्थव्यवस्था की रफ़्तार पढ़िए फिर किसी किसान की जिन्दगी से हार पढ़िए ये अर्थव्यवस्था की रफ़्तार पढ़िए फिर किसी किसान की जिन्दगी से हार पढ़िए
माँ भारती का दृश्य दर्पण देख मन हितेश है मन अर्पण, प्राण अर्पण, करना अभी शेष है। माँ भारती का दृश्य दर्पण देख मन हितेश है मन अर्पण, प्राण अर्पण, करना अभी शेष...
माँ भारती का दृश्य दर्पण देख मन हितेश है माँ भारती का दृश्य दर्पण देख मन हितेश है
मैं गुजरा गाँव की गलियों से, मुझे कई दिलदार मिले। उड़ती आंधी से ख़्वाब मिले, कुछ दफन नगीने नायाब ... मैं गुजरा गाँव की गलियों से, मुझे कई दिलदार मिले। उड़ती आंधी से ख़्वाब मिले, ...