STORYMIRROR

Dheeraj Sarda

Inspirational

2  

Dheeraj Sarda

Inspirational

माँ भारती

माँ भारती

1 min
170

माँ भारती का दृश्य दर्पण देख मन हितेश है

मन अर्पण, प्राण अर्पण, करना अभी शेष है


गड़ गड़ागड़, गड़ गड़ागड़, बादलों की गूँज है

मेघ बरसे दन दना दन, अब ख़ुशी हर कुंज है

कर्म कर्मठ है प्रगति पे, पर लक्ष्य अभी शेष है

माँ भारती का दृश्य दर्पण देख मन हितेश है


श्वेत धातु से सुसज्जित उच्च शीश ये हिम्र है

तिहूँ ओर है चरण पखारे, शुद्ध शीतल नीर है

ठंडी पवन से है ख़ुशी, उड़ते माँ के केश है

माँ भारती का दृश्य दर्पण देख मन हितेश है


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational