वो सफर ही छोड़ आये
वो सफर ही छोड़ आये
हमदर्द तो हमसे छूट गया,
हम वो दर्द फिर भी ले आये |
कभी वो हमसफ़र हमारी मंजिल थी,
आज हम वो सफर ही छोड़ आये | |
गलती नहीं थी किसी की ये,
बस समय की बेपरवाही थी |
ख्वाबों के रास्तो में, कुछ तुम्हारी,
कुछ हमारी लापरवाही थी | |
साथ चलने के उन वादों में,
साथ निभाना भूल आये |
तब वो हमारा साहिल था,
आज हम वो समंदर ही छोड़ आये | | 1 | |
अब दिल भारी है,
और गलियां है वीरानी |
बस याद आती है,
कैसी बरखा थी सुहानी | |
पर बेवफाई का दर्द इतना,
की कोई प्यार भी भूल जाये |
अब और जिल्लत नहीं क़बूल,
अच्छा हुआ जो वो महफ़िल ही छोड़ आये | | 2 | |
- Dheeraj Sarda