तब वो हमारा साहिल था, आज हम वो समंदर ही छोड़ आये। तब वो हमारा साहिल था, आज हम वो समंदर ही छोड़ आये।
बेतहाशा तड़पती हसरतें पर राज़-ए-मुस्कान होंठों में खिलाये बेतहाशा तड़पती हसरतें पर राज़-ए-मुस्कान होंठों में खिलाये
जिस समंदर में समाने के लिए भागी जा रही हूँ वह खारा है.... जिस समंदर में समाने के लिए भागी जा रही हूँ वह खारा है....
अपने दिल का हाल, बेपरवाही से ना सुनाया करो, अपने दिल का हाल, बेपरवाही से ना सुनाया करो,