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Dheeraj Sarda

Tragedy Others

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Dheeraj Sarda

Tragedy Others

हालात-ए-इश्क़

हालात-ए-इश्क़

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ना तो तू कोई इश्क़ है,

ना मैं कोई इश्क़ हुँ।

ये जो खालीपन रह गया है,

वो एहसास-ए-इश्क़ है।।१।। 


जो पल हम दोनो जी चुके,

वो तो बहती जिंदगी थी।

ये जो दोनो में बाकी रह गया है,

वो दरिया-ए-इश्क़ है।।२।।


ना तो ये रातें इश्क़ है,

ना ये बरसातें इश्क़ है।

ये घड़ी और करवटों की आवाजे,

यही गुफ़्तगू-ए-इश्क़ है।।३।।


ना ये सफर इश्क़ है,

ना ये लिखा सफरनामा इश्क़ है।

जब लफ्ज़ ख़त्म हो, जज़्बात नहीं,

तब वो हालात-ए-इश्क़ है।।४।।


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