बिखरते रिश्ते
बिखरते रिश्ते


खिलती खुशियां, पड़ती दरारे, थोड़ी हंसी, थोड़ी घुटन सी है |
ये बात दुनियाँ की नहीं, ये बात बिखरते रिश्तों की है ||
वो पैदा किया तो खून का रिश्ता,
निभाना पड़ा तो लगे बोझ ये रिश्ता |
दोस्ती में बनता मकरंद सा रिश्ता,
भीतर पनपता किसी से द्वन्द का रिश्ता || १ ||
उसको देख धड़कते दिल का रिश्ता,
फिर उसी दिल के कातिल से रिश्ता |
अनकहा किसी से, भरोसे का रिश्ता,
अपनों से मिले धोखे का रिश्ता || २ ||
खुली आँखे, टूटे सपने, कुछ बहाने, कुछ डर भी है |
ये बात दुनियाँ की नहीं, ये बात बिखरते रिश्तों की है ||