ये अनकहे रिश्ते खुदा से कम नही, मानो तो सब कुछ, ना मानो तो कुछ नहीं। आसान होगा मरना, जब आखिरी वक्त में याद आएंगे, हालांकि दोनो के साथ जीना आसान था नहीं।। - Dheeraj Sarda
खिलती खुशियां, पड़ती दरारे, थोड़ी हंसी, थोड़ी घुटन सी है | ये बात दुनिया की नहीं, ये बात बिखरते रिश्तों की है || - Dheeraj Sarda
ना तो ये रातें इश्क है, ना बरसाते इश्क है। ये घड़ी और करवटो की आवाजे, अब यही गुफ्तगु-ए-इश्क है ॥ - Dheeraj Sarda