ज्यों बहे पुण्य गंगा की धारा, त्यों रहे श्रेष्ठ जीवन तुम्हारा, ज्यों बहे पुण्य गंगा की धारा, त्यों रहे श्रेष्ठ जीवन तुम्हारा,
अपने आचरण के सुगंध से संसार को महकाया है, अपने आचरण के सुगंध से संसार को महकाया है,
फिर ना कोई दामिनी, ना निर्भया बन सके यहां नारी के अस्तित्व को सच्चा मान मिल सके यहां फिर ना कोई दामिनी, ना निर्भया बन सके यहां नारी के अस्तित्व को सच्चा मान मिल ...
तू हिम्मत न हार, मन छोटा ना कर, मन को अपने सुमेरु बना l तू हिम्मत न हार, मन छोटा ना कर, मन को अपने सुमेरु बना l
गुंजन भौरे सृंगार करे पुष्प के नाच मयूर अंगीकार वर्षा के मदमस्त हवा के प्रवाह ने देखो कैसा उत्साह... गुंजन भौरे सृंगार करे पुष्प के नाच मयूर अंगीकार वर्षा के मदमस्त हवा के प्रवाह ...
मैं हैरान हूँ ये तुम्हारी थी मुस्कुराहट, रेशम सी गुलाबी मैं हैरान हूँ ये तुम्हारी थी मुस्कुराहट, रेशम सी गुलाबी