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Sachhidanand Maurya

Romance

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Sachhidanand Maurya

Romance

इश्क़ क्या होता है ?

इश्क़ क्या होता है ?

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कोई हमसे पूछे इश्क क्या होता है ?

मीठा दर्द और मीठा दवा होता है।


पाने की हर रोज करते इबादत जिसे,

कोई और नही इश्क खुदा होता है।


तुम उधर ढूंढों वो इधर ढूंढें,

इश्क़ दो जिस्मों में बसा होता है।


सीमाएं नही होती बेकार है मापना,

इश्क़ जन्मों जन्मों तक बंधा होता है।


कोई मजबूरी होगी भुलाने की

वरना इश्क़ कहाँ इतना खफ़ा होता है।


किसी और से जुड़ना शरीरी है,

वैसे तो इश्क कई दफा होता है।


इश्क के जोड़ों की तुलना देख,

न मुझसा न कोई तुमसा होता है।


एहसास तो मिल सकता ही है सचिद,

मोती के लिए समन्दर में डूबना होता है।


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