दास्तां-ए-मोहब्बत
दास्तां-ए-मोहब्बत
रात की सियाही, सोई झील,
गीला चांद, ठहरी हुई कश्ती में बहते हम,
एक हसरत!
खुली जुल्फें, रोशन निगाहें,
मखमली होंठ, गुल रुख़सार, हुस्न-ए-यार,
उफ्फ़ क़यामत!
शोरीदा बदन, सांसों की महक,
बाहों का घेरा, अहद-ए-वफ़ा, शब-ए-वस्ल,
और उल्फत!
शब-ए-खिजां, कुछ टूटे ख़्वाब,
उदास कमरा, तन्हा बिस्तर, दिल-ए-ज़ार,
आह फुरकत!
हसरत - इच्छा,लालसा,
गुल रुख़सार - गुलाबी गाल
शोरीदा बदन - मस्त बदन, आतुर शरीर,
अहद-ए-वफ़ा - वफ़ा की कसमें
शब-ए-वस्ल - मिलन की रात
उल्फत - इश्क़, मोहब्बत
शब-ए-खिजां - पतझड़ की रात
दिल-ए-ज़ार - रोता हुआ दिल
फुरकत - वियोग, जुदाई