एहसास
एहसास
मैं कहीं भी रहूँ,तुम कहीं भी रहो,
तेरी बातों की चर्चा में शामिल रहूँ,
मैं तुम्हें याद आऊँ, या ना याद आऊँ,
पर तुम्हें याद आने के क़ाबिल रहूँ
है ख़लिश सी कहीं, मेरी हर बात में,
मैं तुम्हें ढूंढती, ज़िन्दगी की तरह,
है अरमाँ मुझे, एक मुलाकात की,
तेरा मिलना मुनासिब नहीं इस तरह
ज्यों, जगमग दिए से है रोशन जहाँ,
तेरे दिल में मैं झिलमिलाती रहूँ,
हो मेरी रोशनी, तेरी हर बात में,
तू हँसता रहे, मैं मुस्कुराती रहूँ।

