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Ravi Kumar

Romance

4  

Ravi Kumar

Romance

उनकी यादें

उनकी यादें

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इस तरह होते होते वो हमसे दूर हो गए

क्या करते हम भी रोते रोते मजबूर हो गए

जब आंखें बंद होती है सोने को

तेरी तस्वीर उभर आती है रोने को


क्यों छोड़ गई इस तरह

तू मुझे अपनी दुनिया में

क्या मालूम नहीं तुझको

तेरे बिना जीना नहीं इस दुनिया में


जब कभी बैठता हूँ अकेले में

बस तू ही याद आती है इतने बड़े जमाने में

आंखों को भी ये विश्वास न हुआ

की मेरे प्यार का तुझको एहसास न हुआ


मुझे छोर गई इस तरह तू जिसके लिए

ये खुदा वो भी न छोर दे तुझे

किसी और के लिए

मेरे बगिया की सबसे खूबसूरत फूल थी तुम


वो के गया शायद उसके ही अनुकूल थी तुम

खुश रहना अपनी जमाने में

ये हुआ है हमारी

और क्या कहे

आज भी लिखी है दिल पे नाम तुम्हारी।


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