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Priti Chaudhary

Tragedy

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Priti Chaudhary

Tragedy

तुम बिन

तुम बिन

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तुम बिन मेरा गुजारा भी नहीं,

और जीने का सहारा भी नहीं। 


बिछड़कर जिंदा लाश बन गया,

मौत ने मुझको मारा भी नहीं।


प्यार में शिकस्त मंजूर है हमें,

दिल जिंदगी से हारा भी नहीं।


कैसे दिल की दुनिया रौशन हो?

आसमां में कोई तारा भी नहीं।


कहने को तो सब अपने हैं,

असल में कोई हमारा भी नहीं।


सिसकती हैं बहारें चमन में,

दिलकश कोई नज़ारा भी नहीं।


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