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Amit kumar

Tragedy

4.8  

Amit kumar

Tragedy

जीवन की राह में नौकरी

जीवन की राह में नौकरी

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 नौकरी व्याकुल हैं तेरे मिलन के लिए

 हजार जतन कर चुके हैं हम तेरे लिए


पर मिलन तुझसे हो नहीं पाता

तेरे मिलने की चाह में दिल जल जल है जाता


हर कोई तेरे दीदार का है दिवाना

हर किसी की जुबान पर है तेरा अफ़साना


तेरे नाम से जहाँ भी कोई तमाशा है होता

उस तमाशे में जाकर अपना कीमती समय मैं खोता


तेरे दर पर लम्बी लम्बी कतारें लगी होती हैं

जिसमे बड़ी बड़ी महान हस्तियां होती हैं


उनमे बहुत से हैं पैदल चलने वाले

trong>बहुत से स्कूटर मरुतियों वाले


चाहे हों मोटे या पतले गोरे हों या काले 

हैं बस सब तेरे ही चाहने वाले


लोग तेरे मिलने के लिए सौदेबाजी करते हैं

कुछ तो तेरे खातिर धोखेबाजी भी करते हैं


और कुछ बीच में दलाली भी करते हैं

कुछ तेरे न मिलने के कारण मवाली बन जाते हैं


 कुछ उठाते हैं कूड़े की टोकरी

क्यों है तू इतनी महंगी हाय रे नौकरी


तुझसे मिलन होता है सिर्फ पैसे वालों का

नहीं तुम्हे ख्याल कुछ योग्य उम्मीदवारो का ।


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