जरूरी था क्या??
जरूरी था क्या??
हाथ थाम बीच रास्ते छोड़ जाना
जरूरी था क्या........
वादे निभा ना सके तो तोड़ जाना
जरूरी था क्या.......
कहते थे हीर रांझा से हैं हम-दोनों,
ऐ हमनवा इस रांझे को तेरे इश्क में फिर से फ़कीर बनाना
जरूरी था क्या.......
तू दूर नहीं था मुझसे
मगर पास भी न था इसका एहसास दिलाना जरूरी था क्या......
बातें तो तेरी मैंने सीने में दफन कर ली थीं ,
फिर ख्वाब बनके नींद उड़ाना
जरूरी था क्या.......
निभा ना सके जिम्मेदारी मेरे दिल की ,
तो उसे तोड़ जाना
जरूरी था क्या.......
चाहत नहीं थी मैं तुम्हारी तो पहले ही बता देते,
यूं बेवफाई का दाग लगाना
जरूरी था क्या........
अगर ये सब जरूरी था तो ऐ जाने वाले तेरा लौट कर आना भी
जरूरी था ना...............