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Sakera Tunvar

Tragedy

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Sakera Tunvar

Tragedy

वक्त.....

वक्त.....

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हम मानें या ना मानें.....

हमसे हर बदलते लम्हें के साथ ये वक्त कहता है कि...

क्या पता मैं तुझे अगले पल हंसाऊंगा या रुलाऊंगा....

लेकिन इतना पता है कि मैं इस लम्हे को तेरे लिए...

अगले पल तक रोक ना पाऊंगा....

तू समेटना चाहता है अपने ख्वाबों को...

तो समेट ले वक्त खत्म होने से पहले...

क्योंकि मैं तेरे लिए उस रास्ते के कांटे को मिटा न पाऊंगा...

लोगों को कहते सुना है मैंने....हमारे पास वक्त ही वक्त है...

लेकिन वक्त भी यह कहता है की मत कर मुझ पर इतना भरोसा...

क्योंकी कब खत्म हो जाऊं मैं यह में खुद भी न कह पाऊंगा।


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