मन
मन
क्या है मन में
पता नही
है तो कुछ भी नहीं
फिर क्यों ये खुश नहीं
किस बात से उदास है तू
क्या है चिन्ता तुझे
कैसे समझूँ तुझको
कि क्यों परेशान है तू मेरे मन
खुद ही बता दे
क्या है तेरे अंदर
समझा दे मुझे किसी तरह
क्यों नहीं आने देता तू मेरे चेहरे पर हँसी
क्या है मुश्किल तेरी
कौनसी चिन्ता है, ऐ मन, तेरे में बसी।।