मेरे बाद
मेरे बाद
एक दिन जब साँस
की लय टूट जाएगी।
पलकों में भरकर तुम्हें,
आँख मूँद लूँगी जब,
चाह कर भी धड़कन का
गीत सुन न पाओगे।
तुमसे भी परे एक
दुनिया ढूँढ लूँगी जब,
याद करके कोई अश्रु न बहाना तुम,
बस मेरी कविता को पढ़ के मुस्कुराना तुम।
साथ जन्मों का जो,
पल में टूट जाये तो,
अनकहा-सा कुछ,
हृदय में छूट जाये तो।
साथ जो हों साथी,
वोह भी रूठ जाएँ तो,
अनुपस्तिथि मेरी,
चैन सब लूट जाये तो।
सौगंध है किंचित भी न छटपटाना तुम,
बस मेरी कविता को पढ़ के मुस्कुराना तुम।
जब मेरे बिन,
मेघ वर्षा गीत गायें तो,
ठंडी हवाएँ,
मन के किवाड़,
खटखटाएँ तो।
खिड़कियों पर गुलमोहर,
गर बिखर जाएँ तो,
छुट्टियों में बच्चे,
घर पे मिलने आएँ तो।
गले लगा के रुआँसे से हो न जाना तुम,
बस मेरी कविता को पढ़ के मुस्कुराना तुम।