गुलाब
गुलाब
लम्हे घड़ियों में,
घड़ियाँ अरसे में,
अरसा मुद्दत में,
तब्दील हुआ जाता है।
पर जाने क्यों मेरी
किताब के पन्नो में
रखा तेरा गुलाब,
ख़ुशबू वही ले आता है।
लम्हे घड़ियों में,
घड़ियाँ अरसे में,
अरसा मुद्दत में,
तब्दील हुआ जाता है।
पर जाने क्यों मेरी
किताब के पन्नो में
रखा तेरा गुलाब,
ख़ुशबू वही ले आता है।