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Nirav Rajani "शाद"

Drama

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Nirav Rajani "शाद"

Drama

नशीली रात में

नशीली रात में

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नशीली रात में जब तुमने मुझको संवारा है

बहरो। ने भी उमंगो को उभारा है।


आ तो गये थे तुम मिलने एहतिमाम न करा था

हमारी मुख़्तसर वस्ल ने बहारो को निखारा है।


दरख्तों को आँधियों ने ही उखारा है

तुम्हारे दीद ने दरख्तों को संवारा है ।


मकता

एक कमी को किया तुमने पुरा है

"नीरव" को तुमने ही संवारा है।


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