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Bhawana Raizada

Abstract Drama Inspirational

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Bhawana Raizada

Abstract Drama Inspirational

जीवन की नैया

जीवन की नैया

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कुछ उलझने कुछ सवाल 

मन में कुछ बवाल भी है। 

किस तरह से शांत कर लूँ

अग्रिम पथ पतझड़ भी है। 


निराशा का अथाह सागर

करता मन मंथन भी है। 

तीक्ष्ण बुद्धि परबस हारी

और हर बात का मलाल भी है। 


चहुँ ओर जो निगाह दौडाऊं

अशान्ति, इच्छा, अविश्वास ही है। 

अब बस करो, मुझे संभालो

मेरा तो बस अब तू ही है। 


जो रखी तुम्हारे चरणों में

मेरी भक्ति अब तू ही है। 

मुझ पर कृपा करो प्रभु

इस जीवन की नैया तू ही है। 


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