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Deepika Raj Solanki

Drama

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Deepika Raj Solanki

Drama

अभी तो हम बिखरे पड़े हैं

अभी तो हम बिखरे पड़े हैं

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अभी तो हम बिखरे पड़े हैं,

तो यह आलम है,

जब निखरेगे तो

क्या मंजर होगा ?


खुला आसमां मिला हमको भी है

लगता नहीं डर उड़ने से हमें।

ठराव जरूर है अभी,

पर मजा पूरा लेंगे बहाव का भी।


डर से डर नहीं लगता हमको,

डरे वो जिनके पास फरिश्ते नहीं।

ईमान में हमारे कोई दाग नहीं,

नियत में कोई छुपा राग नहीं।


हमें तो मिले हैं मुखालिफ़ कई,

 यह ना समझो दोस्त हमारे नहीं,

फेहरिस्त उनकी कम ही सही,

पर कोई भी कोहिनूर से कम नहीं।


अभी तो हम बिखरे पड़े हैं

तो यह आलम है

जब हम निखरेगे तो क्या मंजर होगा।


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